महिलाओं के खिलाफ अपराध: सख्त कानून और त्वरित न्याय की जरूरत
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में महिलाओं के खिलाफ 4,45,256 मामले दर्ज हुए, जो हर घंटे लगभग 51 मामलों के बराबर है। इनमें बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, एसिड अटैक और साइबर क्राइम जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। एक सर्वे के अनुसार, 74.3% लोगों ने बलात्कार और यौन हिंसा को सबसे गंभीर अपराध माना है।

महिलाओं के खिलाफ अपराध: चौंकाने वाले आंकड़े
- मानसिक प्रताड़ना: 53.4%
- शारीरिक हिंसा: 52.7%
- घरेलू हिंसा: 48.9%
- दहेज हत्या: 47.5%
- एसिड अटैक: 42.3%
- साइबर बुलिंग: 29.3%
- ऑनर किलिंग: 28.2%
ये आंकड़े महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए गंभीर चुनौतियों को उजागर करते हैं।

कानूनी प्रक्रिया में देरी: सबसे बड़ी बाधा
महासर्वे के अनुसार, 32.3% लोगों ने माना कि लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया अपराधियों को सजा दिलाने में सबसे बड़ी बाधा है। इसके अलावा, कमजोर कानून (20%), राजनीतिक हस्तक्षेप (15.1%) और सामाजिक दबाव (11.7%) भी न्याय में देरी के प्रमुख कारण हैं।

महिला सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
- सख्त कानून: 64.9% लोगों का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
- त्वरित न्याय: बलात्कार और गैंगरेप जैसे मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से एक से तीन महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जानी चाहिए।
- सामाजिक जागरूकता: 58.3% लोगों ने सामाजिक जागरूकता को महत्वपूर्ण बताया।
- पुलिस कार्यप्रणाली में सुधार: 44.6% लोगों का मानना है कि पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव लाना जरूरी है।
सार्वजनिक परिवहन में असुरक्षा
63.5% महिलाओं ने सार्वजनिक परिवहन को असुरक्षित बताया। बस, ट्रेन, टैक्सी और ऑटो में छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले आम हैं। 96% उत्तरदाताओं ने सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन की अनिवार्यता पर जोर दिया।

महिला सुरक्षा के लिए सुझाव
- शिक्षा और जागरूकता: महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना जरूरी है।
- आर्थिक सशक्तीकरण: 36% लोगों ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को महत्वपूर्ण बताया।
- सामुदायिक भागीदारी: समुदाय की सक्रिय भागीदारी से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
निष्कर्ष
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि एक गंभीर समस्या है, जिसके समाधान के लिए सख्त कानून, त्वरित न्याय और सामाजिक जागरूकता जरूरी है। हमें महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना होगा।