आरबीआई ने इक्विटास और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पर लगाया जुर्माना (RBI penalties on Equitas and India Post Payments Bank)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 जनवरी 2025 को इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पर नियामक मानकों का पालन न करने के कारण भारी जुर्माना लगाया है। यह कदम आरबीआई की वित्तीय प्रणाली की अखंडता और ग्राहक हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक पर जुर्माना (RBI fines Equitas Small Finance Bank)
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक पर सबसे अधिक 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना मुख्य रूप से दो मामलों में नियमों का पालन न करने के लिए लगाया गया है:
- फ्लोटिंग रेट लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी: आरबीआई ने बैंक को फ्लोटिंग रेट लोन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी लगाने के नियमों का पालन न करने के लिए दोषी पाया।
- कृषि ऋण: बैंक ने कृषि ऋण से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया, जिसमें बिना गिरवी के कृषि ऋण प्रदान करना शामिल है।
ये नियम उधारकर्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा और उचित ऋण प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पर जुर्माना
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पर 26.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ से संबंधित नियमों का पालन न करने के लिए लगाया गया है। ग्राहक सेवा बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहलू है, और इसमें कमी से ग्राहकों का विश्वास कम हो सकता है।
एप्टस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जुर्माना
आरबीआई ने एप्टस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर भी 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है।
आरबीआई का बयान
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमी के आधार पर लगाया गया है। आरबीआई ने कहा, “यह जुर्माना केवल नियामक अनुपालन में कमी को लेकर है और इसका उद्देश्य बैंकों और उनके ग्राहकों के बीच हुए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।”
जुर्माने का महत्व
यह कदम आरबीआई की वित्तीय संस्थानों पर सख्त निगरानी को दर्शाता है। वर्तमान समय में, जब आर्थिक चुनौतियां बढ़ रही हैं, बैंकिंग नियमों का पालन करना न केवल नियामक जिम्मेदारी है, बल्कि यह वित्तीय स्थिरता और ग्राहक विश्वास के लिए भी आवश्यक है।
बैंकों के लिए चुनौतियां
छोटे वित्त और पेमेंट्स बैंक जैसे संस्थान अक्सर अंडरबैंक्ड आबादी को सेवाएं प्रदान करते हैं। ऐसे में, उनके लिए उच्च सेवा और परिचालन मानकों का पालन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। नियमों का पालन न करने से न केवल जुर्माना लगता है, बल्कि संस्थानों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचता है।
ग्राहकों के लिए संदेश
यह जुर्माना ग्राहकों के लिए आरबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करता है कि बैंक उचित प्रथाओं का पालन करें और ग्राहकों को उनकी शिकायतों का समाधान प्रदान करें।
भविष्य की राह
वित्तीय संस्थानों को भविष्य में ऐसे उल्लंघनों से बचने के लिए अपने आंतरिक नियंत्रण और प्रशिक्षण को मजबूत करने की आवश्यकता है। आरबीआई के इन कदमों से संस्थानों को सीख लेते हुए ग्राहक सेवा और पारदर्शी प्रथाओं पर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
आरबीआई द्वारा लगाए गए यह जुर्माना बैंकिंग क्षेत्र में नियामक मानकों के पालन के महत्व को रेखांकित करता है। वित्तीय संस्थानों को अनुपालन और ग्राहक सेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि ग्राहकों का विश्वास बना रहे और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हो सके।