आगरा आत्महत्या कांड: एक पति की दर्दनाक विडंबना और पुरुषों के लिए कानूनी सुरक्षा की बढ़ती जरूरत!
आगरा में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें टीसीएस में कार्यरत मानव शर्मा ने आत्महत्या कर ली। मानव शर्मा के पिता नरेंद्र कुमार शर्मा ने अपनी बहू और उसके मायके वालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम पोर्टल पर न्याय की गुहार लगाई है।
शादी के बाद संघर्ष और तनाव
मानव शर्मा की शादी 30 जनवरी 2024 को बरहन में हुई थी। नौकरी के चलते वे अपनी पत्नी को मुंबई लेकर गए थे, लेकिन शादी के कुछ ही महीनों में मतभेद बढ़ने लगे। आरोपों के अनुसार:
- पत्नी बार-बार झगड़े करती थी और उसको और उसके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देती थी।
- वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहने की इच्छा जताती थी और मानव शर्मा ने उसकी पत्नी को बॉयफ्रेंड के साथ सोते पकड़ा था।
- मानव शर्मा पर मानसिक दबाव बनाया गया, जिससे वह अवसाद में चला गया, पर पत्नी का कहना है वो ज्यादा नशा करता था।
ससुराल में अपमान और आत्महत्या
23 फरवरी को मानव शर्मा अपनी पत्नी को छोड़ने मायके गया था, जहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। अपमान और धमकियों से आहत होकर 24 फरवरी की सुबह 5 बजे उसने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले मानव ने 7 मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की, जिसमें उसने कहा: मर्दों को भी जीने दो वो भी इन्सान है, मर्द बहुत अकेले होते है और मानव शर्मा ने अपने माता पिता से सॉरी मांगी और आज वो दुनिया में नहीं है

कानूनी पहलू: पुरुषों के अधिकार और सुरक्षा
भारत में महिलाओं के लिए कई सख्त कानून हैं, लेकिन पीड़ित पुरुषों की सुरक्षा के लिए जागरूकता की कमी है।
- IPC की धारा 498A (दहेज उत्पीड़न कानून) का कई बार गलत इस्तेमाल होता है, जिससे निर्दोष पुरुषों और उनके परिवारों को झूठे मुकदमों का सामना करना पड़ता है।
- मानसिक उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
- पुरुषों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अलग हेल्पलाइन और कानून बनाए जाने की जरूरत है।
पुरुषों को बचाने के उपाय:
- False Cases से बचाव: कानूनी सलाह लेकर ठोस प्रमाण जुटाएं।
- पुरुष हेल्पलाइन का सहारा लें: Save Indian Family Foundation (SIFF) जैसी संस्थाएं मदद कर सकती हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें: ज़रूरत पड़ने पर काउंसलिंग और थेरेपी लें।
- कानूनी जागरूकता बढ़ाएं: पुरुषों को भी अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
मानव शर्मा की आत्महत्या इस बात को उजागर करती है कि झूठे मामलों में फंसे पुरुषों के लिए भारत में पर्याप्त कानूनी सुरक्षा नहीं है। सरकार और समाज को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि झूठे आरोपों से निर्दोष पुरुषों को बचाया जा सके और उन्हें न्याय मिल सके।
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