कनाडा की विदेश नीति संकट में, अमेरिका और चीन दोनों ने कसा शिकंजा
कनाडा की विदेश नीति इस समय बड़े संकट से गुजर रही है। भारत से पहले ही उसके संबंध खराब हो चुके हैं, रूस के साथ भी रिश्ते बिगड़ चुके हैं, और अब अमेरिका व चीन दोनों ने कनाडा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में चीन ने कनाडा के कृषि उत्पादों पर 100% टैरिफ लगा दिया है, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
उधर, अमेरिका ने भी कनाडा को झटका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और अमेरिका के बीच 1908 की बॉर्डर संधि को ‘अनफेयर’ बताते हुए इसे बदलने के संकेत दिए हैं। यदि ऐसा होता है, तो कनाडा अपने प्रमुख शहर टोरंटो, ओटावा और विनीपेग तक खो सकता है, जिससे उसकी 70% आबादी प्रभावित होगी।
इसके अलावा, कनाडा के नए नेता भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। कनाडा की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी लगातार भारत के दौरे कर रहे हैं ताकि भारत-कनाडा संबंधों में सुधार किया जा सके। हालांकि, चीन और अमेरिका की चुनौतियों के कारण कनाडा की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है।
कनाडा पर अमेरिका और चीन का असर:

- चीन: 100% टैरिफ, कृषि उत्पादों को नुकसान
- अमेरिका: बॉर्डर संधि पर सवाल, कनाडा की संप्रभुता खतरे में
- भारत: संबंध सुधारने की कोशिश, नई रणनीति
कनाडा की सरकार अब दोराहे पर खड़ी है। देखना होगा कि वह अमेरिका और चीन के दबाव का सामना कैसे करती है और भारत के साथ अपने संबंधों को कैसे सुधारती है।
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