Earthquake Today in Nepal भूकंप के तेज झटके से नेपाल हुआ बर्बाद !

Earthquake Today in Nepal भूकंप के तेज झटके से नेपाल हुआ बर्बाद !

बीती रात यानि की 03/11/2023 को लगभग 11:30  बजे Delhi-NCR में  भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए | रियेक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मापी गई | भूकंप का केंद्र नेपाल का जाजरकोट बताया जा रहा है | भूकंप का असर Delhi-NCR सहित बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाको में महसूस किये गए |

 

 

 

अब तक मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के जाजरकोट इलाके से 130 लोगो का शव मलबे से निकाला गया है | और कई लोग अभी भी मलबे में फसे हुए हैं|
रात 12 बजकर03 मिनट पर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किये गए जिसकी तीव्रता 3.5 दर्ज की गई | हालाकि बिहार , उत्तर प्रदेश और Delhi-NCR से किसी भी प्रकार के हताहत की खबर सामने नहीं आई है |

 

 

 

 

भूकंप आने की असल वजह टेक्टोनिकल प्लेट में तेज हलचल होती है. इसके अलावा उल्का के प्रभाव, ज्वालामुखी में विस्फोट या
फिर माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूकंप महसूस किया जा सकता है. धरती पर प्रत्येक वर्ष में बड़ी संख्या में
भूकंप आते हैं, लेकिन कई मामलों में तीव्रता कम होने की वजह से हम इन्हें महसूस नहीं कर पाते हैं.
लेकिन जिनकी तीव्रता ज्यादा होती है वह अपने साथ तबाही का मंजर लेकर आते हैं.

 

 

 

 

 

कैसे मापी जाती है तीव्रता

भूकंप की तीव्रता और समय पता करने के लिए सिस्मोग्राफ का उपयोग होता है. इस डिवाइस के माध्यम से पृथ्वी के अंदर होने वाली हलचल का ग्राफ बनाया जाता है. इस सिस्मोग्राफ कहते हैं. इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के माध्यम से भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है. भूकंप आने पर सिस्मोग्राफ के कुछ हिस्से नहीं हिलते, लेकिन दूसरे हिस्से हिलने लगते हैं. भूकंप की तीव्रता को रिकॉर्ड करने वाला हिस्सा हिलता नहीं है. जिससे भूकंप की सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है. झटके मापने वाली मशीन को सिस्मोमीटर (Seismometer) कहते हैं.

 

 

 

 

भारत में भूकंप जोन

बीबीसी हिन्दी के अनुसार भारत भी अब भूकंप का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। भू-वैज्ञानिकों ने बताया कि भूकंप का खतरा देश में हर जगह अलग-अलग है। इस खतरे के हिसाब से देश को चार हिस्सों में बांटा गया है, जैसे जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5। सबसे कम खतरे वाला जोन-2 है, तथा सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन-5 है।

जोन-एक: पश्चिमी मध्यप्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और उड़ीसा के हिस्से आते हैं। यहां भूकंप का सबसे कम खतरा है।

जोन-दो: तमिलनाडु, राजस्थान और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा। यहां भूकंप की संभावना रहती है।

जोन-तीन: केरल, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा आता है। इस जोन में भूकंप के झटके आते रहते हैं।

जोन-चार : मुंबई, दिल्ली जैसे महानगर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी गुजरात, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के इलाके शामिल हैं। यहां भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है और रुक-रुक कर भूकंप आते रहते हैं।

जोन-पांच : भूकंप के लिहाज से ये सबसे खतरनाक इलाका है। इसमें गुजरात का कच्छ इलाका, उत्तरांचल का एक हिस्सा और पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्य शामिल हैं।

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