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Chhatrapati Sambhaji Maharaj: औरंगजेब ने दी थी सबसे क्रूर मौत, लेकिन मराठों ने ऐसे लिया बदला!

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Chhatrapati Shivaji Maharaj (chhaava) की मृत्यु के बाद औरंगजेब को लगा कि अब वह दक्कन पर पूरी तरह से कब्जा कर लेगा। लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी भूल थी! क्योंकि उसके सामने खड़े थे Chhatrapati Sambhaji Maharaj, जिन्हें chhaava भी कहा जाता था। chhaava का मतलब होता है शेर का बच्चा, शेर यानि की छत्रपति शिवाजी महाराज और उनका बेटा Chhatrapati Sambhaji Maharaj है छावा। संभाजी महाराज ने मराठों की सेना को संगठित रखा और मुगलों को नाकों चने चबवा दिए। उन्होंने 9 साल में 120 से ज्यादा लड़ाइयां लड़ीं और एक भी युद्ध नहीं हारे! लेकिन औरंगजेब ने एक षड्यंत्र (conspiracy) रच के उन्हें कैद कर लिया और इतनी भयानक यातनाएं दीं, जिनकी कोई सपने में भी कल्पना भी नहीं कर सकता। Chhatrapati Sambhaji Maharaj का इतिहास सुनकर आपको रोना आ जाएगा। आइए जानते हैं Chhatrapati Sambhaji Maharaj का सच्चा इतिहास तथा उनकी मौत कैसे हुई और मराठों ने उनका बदला कैसे लिया।

Chhatrapati Sambhaji Maharaj कौन थे? (Who was chhaava?)

Chhatrapati Sambhaji Maharaj का जन्म 14 मई 1657 को Purandar Fort में हुआ था। ये Chhatrapati Shivaji Maharaj और सई बाई के पुत्र थे। इनकी परवरिश दादी जीजाबाई ने की थी। सिर्फ 9 साल की उम्र में संभाजी महाराज ने स्वराज की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। जब शिवाजी को Aurangzeb ने आगरा में कैद किया, तब Sambhaji एक नन्हे जासूस बनकर शिवाजी की भागने में मदद कर रहे थे।

संभाजी महाराज ने कैसे दी मुगलों को मात? (Sambhaji Maharaj’s Battles Against Mughals)

1680 में Chhatrapati Shivaji Mahara j की मृत्यु के बाद संभाजी महाराज ने उनकी गद्दी संभाली। और तुरंत मुगलों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

Real History Of Chhaava Movie

लेकिन फिर एक षड्यंत्र के तहत 1689 में उन्हें पकड़ लिया गया।

औरंगजेब ने Chhatrapati Sambhaji Maharaj को कैसे मारा? (How Aurangzeb Tortured and Killed Sambhaji Maharaj?)

» संभाजी महाराज को जोकर जैसे कपड़े पहनाकर ऊंट पर उल्टा लटकाया फिर पूरे शहर में घुमाया गया वो भी एक राजा को जो किसी दुसरे राजा का धर्म नहीं होता।
» उनकी आंखें गरम सरिये से निकाल ली गईं और जबान काट दी गई।
» हर दिन उनके शरीर के टुकड़े काटे गए और नमक-मिर्च डाली गई।
» 11 मार्च 1689 को भयंकर पीड़ा सहते हुए chhaava को दर्दनाक मौत दी गई।

लेकिन मराठों ने उनका बदला लिया और औरंगजेब को दक्कन में उलझाकर उसकी सल्तनत खत्म कर दी!

मराठों ने संभाजी महाराज की मौत का बदला कैसे लिया? (How Marathas Took Revenge for Sambhaji’s Death?)

Chhatrapati Sambhaji Maharaj (chhaava) की मौत के बाद सबको लगा कि अब मराठा साम्राज्य खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ!

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मराठों ने सिर्फ मुगलों को हराया ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक अपनी सत्ता फैला दी और ओरंगजेब को जगलो में छुपते हुए अपनी जान बचाने पर मजबूर कर दिया!

Chhatrapati Sambhaji Maharaj (chhaava) से हमें क्या शिक्षा मिली:

→ Chhatrapati Sambhaji Maharaj सिर्फ एक राजा नहीं थे, बल्कि एक बहुत ही पराक्रमी साहसी वीरयोद्धा थे।
→ उन्होंने अपना जीवन अपने पिता का सपना हिंदवी स्वराज के लिए कुर्बान कर दिया।
→ औरंगजेब ने भले ही उन्हें भयंकर मौत दी, लेकिन मराठों ने उनकी कुर्बानी को बेकार नहीं जाने दिया।
→ अगर आज भारत में मुगलों का शासन नहीं है, तो इसका सबसे बड़ा कारण संभाजी महाराज और मराठों की लड़ाई है!

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